मुखौटे ही तो चेहरे हैं, चेहरे ही तो मुखौटे हैं, सच के ऊपर लगे हुए ना जाने कितने पहरे हैं। खुद भी ना पहचान सके जब भ्रम ही इतने गहरे हैं। मुखौटे ही तो चेहरे हैं चेहरे ही तो मुखौटे हैं। #मुखौटे_के_पीछे_का_सच