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तुम्हारे हाथों का स्पर्श अब भी मेरे गालों पर विराज

तुम्हारे हाथों का स्पर्श अब भी मेरे गालों पर विराजमान है और होली के रंग अब भी मेरे स्मृतियों में बिल्कुल नए हैं ।
प्रेम कभी कुछ भी पुराना नही होने देता है न, जैसे हम दोनों की स्मृतियों में बीते हुए दिन !

सुनो , इस होली मिलो इस बार गालों पर रंग मैं लगाऊंगा , और तुम महसूस करना मेरा प्रेम अपने अधरों पर !!

#छोटेशहरकाआशिक़ #love
तुम्हारे हाथों का स्पर्श अब भी मेरे गालों पर विराजमान है और होली के रंग अब भी मेरे स्मृतियों में बिल्कुल नए हैं ।
प्रेम कभी कुछ भी पुराना नही होने देता है न, जैसे हम दोनों की स्मृतियों में बीते हुए दिन !

सुनो , इस होली मिलो इस बार गालों पर रंग मैं लगाऊंगा , और तुम महसूस करना मेरा प्रेम अपने अधरों पर !!

#छोटेशहरकाआशिक़ #love