सोचा था किसी को न देगे अपने ख़ज़ाने में रखी मोहब्ब्त ताउम्र बचा कर रखा था हमने अपनी मोहब्ब्त मेरी जिंदगी में वो आये,कुछ इस तरह से लूट लिया मुझसे ही मुझको किफ़ायत मोहबब्त की जितनी लूटी उसे दुगुना कर कमाल कर गये जिंदगी भर की किफ़ायत लूट कर मेरी मोहब्बत मुझे ही मालामाल कर गये ©kunwar Surendra सोचा था किसी को न देगे अपने ख़ज़ाने में रखी मोहब्ब्त ताउम्र बचा कर रखा था हमने अपनी मोहब्ब्त मेरी जिंदगी में वो आये,कुछ इस तरह से लूट लिया मुझसे ही मुझको किफ़ायत मोहबब्त की जितनी लूटी