"ख्वाबों के टूट जाने का डर अब हमे रातों को जगाता हैं आखिर यही तो वो एक जगह हैं, जहाँ तू अपना सा बनकर आता हैं। तकदीर हमारी कुछ ऐसी हैं, कि दिन में तो तू बस एक सपना हैं पर रातों को ख्वाबों में आता होकर तू कुछ अपना हैं। अजीब कश्मकश में उलझें हैं हम, जागे या फिर सो जाये जीत ले तुझको ख्वाबों में या फिर, हम हार हकीकतों से जाये।" नेहा गुप्ता (NG)❤ #khwaab ya #Hakeekat written by me #NG❤ #NehaGupta❤