तू पास रहकर भी दूर क्यूं है? चुबने लगी हैं तेरी खामोशियां बस तू बंद आंखों की अब नूर क्यों है? गूजरू जो तेरी गलियों से निशान तेरी कदमों की अपने दिल पे धुंडता हूं.. नशा तो बस तेरी आंखों का था मुझे पर आज तेरी नजरअंदाजो पे ढलता हूं, सोचा था रोशन रखूंगा तुझे जलना तो मेरा काम ही है किया हुआ अगर रातभर दिया बनकर यादों को सहारे तेरी मेहखानो में अब जलता हूं. यादें #innervoice#sadshayeri#hindipoetri #nojoto#moments#nojotohindi#love