वक़्त से पहले हुए हम जवां मगर, कुछ साहिब-ए-दर्द रहे रवां मगर اا वो इक शक्स था चोर था दिल का, लूट कर चल दिया ये कारवां मगर اا हमने चाहा बहोत उसे न याद करें, जी किस तरह लगे फ़िर यहां मगर اا के चुप हो जायें रातों में रोते-रोते , मुश्किल तो नहीं 'अबीर' हाँ मगर اا रवां - ज़िंदगी, साहिब-ए-दर्द- दर्द मंद, कारवां - यात्रियों का समूह अफ़सोस है उसका बहुत जो वक़्त से पहले हुआ... #वक़्तसेपहले #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #yqquotes #yqtales #yqlove #yqdiary