धनक (कविता अनुशीर्षक में) #यकडीडी#धनक# सुंदर धरा, सुंदर गगन महसूस कर रही ये निश्छल पवन प्रभाकर की प्रभा निराली मुझ संग हर्षित,प्रकृति सारी