"माँ" कैसे मैं तेरा रूप लिखूं ? या दैवीय दिव्य स्वरूप लिखूं ? या लिखूं तुझे ममता का सागर, या क्रोध भरी छोटी गागर ? उम्मीदों की तुझको नाव लिखूँ, या सीधा सरल सा गाँव लिखूँ ? तेरे पल्लू को मेघों सी छाँव लिखूँ, या तेरी कोमलता को शिशु के पाँव लिखूँ ? माँ तेरे रुप में जैसे सारे उपवन का सौन्दर्य समाया हो, तेरे व्यक्तित्व के आगे जैसे श्रृष्टा नें भी शीश नवाया हो । कितनी भोली,कितनी प्यारी, पावनता की प्रतिमूर्ति हो तुम ! मैं बाँध सकूँ शब्दों में तुमकों इस दुस्साहस से भी बड़े मूर्ख हैं हम। #माँ #मेरीप्यारीमाँ #शून्य #पवित्ररिश्ता #योरकोट_हिंदी #yqhindi #yqbesthindiquotes #मेरीक़लमसे मेरी प्यारी माँ को समर्पित ।🙇🏻♂️🙇🏻♂️🙇🏻♂️