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छिन ले फागुन के रंग तेरी उदासियों को भांग के नशे म

छिन ले फागुन के रंग तेरी उदासियों को
भांग के नशे में मस्त होकर,,
गाते नाचते झूमते,,बेफिक्री से जश्न मनाते,, छिन ले फागुन के रंग तेरी उदासियों को
भांग के नशे में चूर होकर दूर हो जाए कष्ट सारे,,,

सूरज की बढ़ती गर्मी से पिघल जाए
ह्रदय में जमा रोष और वहम का ग्लेशियर,,,

गंगोत्री से निकलती गंगा का पवित्र निश्चल निर्मल जल
श्वेत रंग लिए तेरा मन दर्पण पावन हो जाए,,
छिन ले फागुन के रंग तेरी उदासियों को
भांग के नशे में मस्त होकर,,
गाते नाचते झूमते,,बेफिक्री से जश्न मनाते,, छिन ले फागुन के रंग तेरी उदासियों को
भांग के नशे में चूर होकर दूर हो जाए कष्ट सारे,,,

सूरज की बढ़ती गर्मी से पिघल जाए
ह्रदय में जमा रोष और वहम का ग्लेशियर,,,

गंगोत्री से निकलती गंगा का पवित्र निश्चल निर्मल जल
श्वेत रंग लिए तेरा मन दर्पण पावन हो जाए,,
vandana6771

Vandana

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