उबल रहा हैं देश मेरा, ये किसने आग लगाई है मत खेलो मेरे भोले देशवासियों के दिलो से इनका तन अपना लेकिन समझ पराई हैं हैं ये नादान और हैं ये बहुत भोले-भाले समझ नहीं पाते जो तुम्हारी सियासती चालें अपनों को ही मार रहे हैं, अपनों को जला रहे हैं कौन सी जाती हैं, न जाने कौन सा धर्म निभा रहे है किसका हैं ये देश किसको आग लगा रहे हैं इतना भी नहीं समझते खुद का ही घर जला रहे हैं अरे मेरी माटी के भोले लोगों अपनी आँखे खोलो सुनों अपनें दिल की और बात देश की बोलो नफरत हो इसमें, इतनी मैली नहीं हैं मिट्टी हमारी प्यार देंगे,प्यार लेंगे प्यार ही सिखाती हैं धरती हमारी #nojoto #देशप्रेम #दिल्लीहिंसा #सन्देश