वोटों के खातिर निकले हैं , कुछ सौदागर लेके बण्डल नोटों के ,. बिकती है हर चीज यहाँ , खरीदार है यहाँ कुछ नेता वोटों के . भ्रष्टाचार को भ्रष्टाचार के नाम से ही बेच रहे है , काले धन के है ये वेपारी वोटों के। . गरीबी वो क्या मिटायेंगे ? मिटाकर गरीबों को , जमीन भी बेच खायी , ये सौदागर हैं वोटों के. वोटों के खातिर निकले हैं , कुछ सौदागर लेके बण्डल नोटों के kumar