जाने क्या बुलाते हैं।। कुछ लोग दुनिया मे मुझे पागल बुलाते हैं, खायी चोट जो दिल पर मुझे घायल बुलाते हैं। मेरी कश्तियों को अब किनारा कब मयस्सर है, किनारे वो खड़े होकर के मेरा कल बुलाते हैं।