घर से बेघर कर मुझे दावत पर बुलाती है यारों नमक छिड़क कर मेरे जख्मों पर मरहम लगाती है यारों उसका सोच क्या है दिल में क्या बताऊं मै यारों हंसी के महफिल में बुलाकर रुलाती है यारों क्यों साथ छोरा रिश्ता तोड़ा पूछता हूं तो बस बदनाम होने का डर बताती है यारों #poetry #sayari #rjranjan #yourquotes #nojoto