दर्द को कुरेदता हूं तो गम निकलता है निकलता बहुत है, लगता है कम निकलता है जब जाते हो तुम अपने हाथ छुड़ाकर मुझसे तुम जानते भी नहीं यहां मेरा दम निकलता है गज़ब का तमाशा है इस पर्दे के भीतर आला पर्दा हटता है तो बस वहम निकलता है ©आला चौहान"मुसाफ़िर" #lifeqoutes #voiceofheart #alaqoute