ना तन बुरा ना मन बुरा ना बुरा न जग में कोई बुरी सोच है बुरी कर्म करा दें कोई मां बाप बदनाम हो जावे स ना बुरी संगत में फसईयो कोई ,,, (कवि संदीप बाढ़ड़ा) #माबाप