जिंदगी , रेल की एक दौड़ । आज ट्रैन में सफर करते करते एक ख्याल आया । ये रेल का सफर भी कुछ जिंदगी जैसा ही होता न । कोई जनरल में है , कोई स्लीपर में है , तो कोई ऐ सी में , जैसे हम सब मुश्किल , आसान और आरामपरस्ती का जीवन जीते । जिंदगी भर जनरल वाले की कोशिश स्लीपर में चले , स्लीपर वाले की ऐ सी में , और ऐ सी वाले की प्लेन में । देखो अच्छा , टिकट भी कितना कुछ बताता , कनफर्म्ड टिकट भी बचपन से लेके किशोरावस्था की तरह होता , बेफ़िक्री वाला , जहाँ चाहो घूमो , इधर उधर देखो , और शादीशुदा जीवन आर ऐ सी की तरह , थोड़ा तकलीफदेय , पर हमसफ़र के साथ कट ही जाता है । चलो , ये सब सोचते सोचते ट्रैन चल दी है , सफर तो चलता ही रहेगा Zindagi Rail ki Tarah #PS #Nojoto #NojotoHindi #Lekh