Makar Sankranti Messages थामी थी जो डोर तूने बुने थे जो सपने, छूट सी गयी है ना जाने किस बहाने को। कटी पतंग सी हो गयी है जिंदगी बिना तेरे हल्का सा झोका काफी है लड़खड़ाने को। #kati_patang #NojotoQuote