।।हिसाब कर।। तेरे लबों की वो नमी, तेरी झुकी नज़रों की हया। तेरे चेहरे का वो नूर जिस पर मैं कुछ लूट सा गया। मेरे इस सब्र का कुछ तो लिहाज़ कर, हिसाब कर।। तेरे ख़्यालों से होती है सुबह, तेरी बातों से शाम होती है। तेरे ख़्वाबों की चादर के साए में ये चाँदनी रात होती है। अपनी इस मौजूदगी का कुछ तो ख़िताब कर, हिसाब कर।। तेरी एक झलक़ से यूँ गुलज़ार होती है ये ज़िंदगी। तेरी हर एक अदा से यूँ हम करते हैं दिललगी। इश्क़ के इस रोग का कुछ तो इलाज़ कर, हिसाब कर।। मैं तेरा हूँ या नहीं इसमें कुछ उलझ सा गया हूँ। मैं ख़ुदको खो चुका हूँ तुझमें या ख़ुद को पा गया हूँ। मेरे इस सवाल का कुछ तो जबाब कर, हिसाब कर।। #ishq #hisab #haya #yqbaba #yqdidi #afteralongtime