कान्हा की बंसी बजी जब नदिया किनारे गोपियां दौड़ी आयी छोड़ सब काज प्यारे राधिका कब से बाट जोहे यमुना तीरे श्याम ठहरा चित्त चोर मुस्काए धीरे-धीरे सूर्य-चंद्रमा,पक्षी-नदियां सब उसको ध्याते हैं मैं तुच्छ कैसे वर्णन करूं शब्द कम पर जाते हैं Challenge-55 #collabwithकोराकाग़ज़ 6 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए :) #नदियाकिनारे #कोराकाग़ज़ #yqdidi #yqbaba YourQuote Didi YourQuote Baba Aरिफ़ Aल्व़ी #YourQuoteAndMine Collaborating with कोरा काग़ज़ ™️ #kanhalove #savitajha