हाय! अब वो प्यार की "थपकी" वो यार की झपकी अब नहीं रही मासूम "इश्क़" की आस नहीं रही आँखों को अब वो प्यास नहीं रही थाम कर हाथ छूट गए हैं "कृष्णा" वो मासूम "ज़ज्बात" अब नहीं रहे "दीदार-ए-यार" की चाहत आँखों में यार को मिलने की फ़ुरसत नहीं रही ♥️ Challenge-548 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।