तेरे प्यार में भीगा हुआ वो लम्हा, रुई के फाहे की तरह था, जब तक गीला था नमी दे रहा था.... (एक पहलू) तेरे प्यार में भीगा हुआ वो लम्हा, रुई के फाहे की तरह था, मैने कांच के मर्तबान में सम्भाल कर रखा हुआ है, रोज़ उसमें नमी छिड़कती हूं... इसीलिए.... आज भी उसका एहसास बिल्कुल ताज़ा है.... (दूसरा पहलू) #nojoto #kavishala #poetry #भीगे_लम्हे