मै रावण ही अच्छा हूँ... नीचे पूरी कवीता लिखी हुई है एक बार जरूर पढ़ें... 👇👇👇 मैं रावण ही अच्छा हूँ.... गर तुम राम बनकर सीता का ना सम्मान करो तब मैं रावन ही अच्छा हूँ.. तुम मार्यादा का ढोंग ओढ़कर महिला पर अत्याचार करो... तब मैं रावण ही अच्छा हूँ.. भेदभाव की भावना में तुम श्री राम का नाम भजो,