मुद्दतों बात आज मौका मिला उस डूबते सूरज से गुफ्तगू करने का, आस पास सब हो कर भी एक अजब ख़ामोशी थी। शाम के उस सुर्ख मंज़र में, गूजता वह कल कल करता पानी का शोर, और चेहरे को रूक रुक के, सहलाते ठंडी हवा के थपेड़े, मैं समुन्दर के बीचों बीच थी और, और! वह ठीक मेरे सामने था, सारा दिन जल के गरम कोयले सा लाल हो चुका था। #खुद #दामन #थकान #yourquote #yourquotedidi #collabwithrestzone #imagesourcegoogle