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माथे पर नहीं थी, हथेली पर नहीं थी, ना ही पांव के त

माथे पर नहीं थी, हथेली पर नहीं थी,
ना ही पांव के तलवे में थी।
मेरी किस्मत की रेखा को,
मैंने खुद अपनी मेहनत से बनाया है।। 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें..🙏

💫Collab with रचना का सार..📖

🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों  को रचना का सार..📖 के प्रतियोगिता :- 145 में स्वागत करता है..🙏🙏

*आप सभी 4 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा।
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mahimajain6772

Mahima Jain

New Creator