पहली नजर का इश्क कहाँ मुकम्मल हो पाता है उसको गुजरना पड़ता है,, कई उतार-चढ़ाव से,,,, डूबती कश्ती को बचाना पड़ता है,,, कई तूफानों से,,,, एक दूजे के सामंजस्य से तालमेल बिठाना पड़ता है,,, कई कड़वे घूंट पीने पड़ते हैं त्याग समर्पण एक दूजे के लिए करना पड़ता है,,, तब जाकर वो रिश्ता परिपक्व हो पाता है जिस तरह कच्चा कसेला आम समय के साथ मिठास से पूर्ण हो जाता है,,,, जिसको इश्क समझते हो वो है अट्रैक्शन,,, जो कुछ समय बाद खत्म हो जाता है,,, असली मोहब्बत तो वक्त के साथ एक दूजे के लिए समर्पण भाव से आती है,,, #इशक_मोहब्बत