दरअसल शातिर लोगों को रिश्तों कि खातिर जीना नहीं आता। रिश्तों में समर्पण खलते है,स्वार्थ के भाव फलते है। रिश्तों को बनाते निःस्वार्थी बनकर तब रिश्ते बन पाते। स्वार्थ में शातिर रंजिश के संग अक्सर टूट ही जाते। स्वार्थ की रंजिस बड़ी ही शातिर है.. रिश्तें बनाते इस स्वार्थी मोह के ख़ातिर है..!! रिश्ते समर्पण से फ़लते है, स्वार्थ के भाव खलते है.. रिश्तों की अहेमियत शातिर लोग़ क्यों नहीं समझते है..!! #आर्यवर्त #भंवरा एक ख़ूबसूरत #collab Aesthetic Thoughts की ओर से। #atलोगनहींसमझते #yqaestheticthoughts #नहींसमझते #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi