सपना यही हो मेरी, सपनों की उड़ान ना कभी कम हो, खुशियाँ ही खुशियाँ मिले राहों में, ना कभी कोई ग़म हो। यूँ ही लिखता रहूँ ताउम्र, ना रुके कभी भी लेखनी मेरी, संस्कारों आदर्श विचारों से परिपूर्ण रहूँ, ना कभी हम हो। जब भी जाऊँ इस जहाँ से, चेहरे पर मुस्कान घिरी रहे, अपनों का प्यार और दुलार, अंत समय मेरा हमदम हो। #82Apnirah, सपना, 6 पंक्तियों में लिखिए, समय सीमा - आज रात 9 बजे 23Aug2020 #ourwayofmotive #our_way_of_motive #YourQuoteAndMine