मैंने बचपन से ही पिता के पदचिन्हों पर चलकर धर्म को शिरोधार्य किया उसको अपने जीवन के अभिन्न पहलू में शुमार किया। किन्तु प्रेम में धर्म का विघ्न होना शायद मेरे जीवन की तपस्या का अनुचित दंड मिलने जैसा था।। कभी सोचा नहीं था जिस धर्म की मैने पूजा की वो धर्म मेरे प्रेम विछोह का प्रमुख कारण बनेगा।। आज जब भी कहीं सुनता हूँ कि धर्म के पथ पर इंसान अवनति से उन्नति की ओर अग्रसर होता है उस वक़्त मानो ह्दय विदारक स्थिति मेरी मनोदशा व्यक्त करती है।। #धर्म #प्रेम #ह्रदय #yqbaba #yqdidi #yqtales #yqquotes #yqhindi