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मैंने बचपन से ही पिता के पदचिन्हों पर चलकर धर्म क

मैंने बचपन से ही पिता के 
पदचिन्हों पर चलकर
धर्म को शिरोधार्य किया
उसको अपने जीवन के
अभिन्न पहलू में शुमार 
किया।

किन्तु प्रेम में धर्म का
विघ्न होना शायद मेरे
जीवन की तपस्या का
अनुचित दंड मिलने जैसा 
था।।

कभी सोचा नहीं था जिस 
धर्म की मैने पूजा की
वो धर्म मेरे प्रेम विछोह 
का प्रमुख कारण बनेगा।।

आज जब भी कहीं सुनता
हूँ कि धर्म के पथ पर इंसान
अवनति से उन्नति की ओर 
अग्रसर होता है उस वक़्त मानो 
ह्दय विदारक स्थिति मेरी 
मनोदशा व्यक्त करती है।। #धर्म 
#प्रेम 
#ह्रदय 
#yqbaba 
#yqdidi 
#yqtales 
#yqquotes 
#yqhindi
मैंने बचपन से ही पिता के 
पदचिन्हों पर चलकर
धर्म को शिरोधार्य किया
उसको अपने जीवन के
अभिन्न पहलू में शुमार 
किया।

किन्तु प्रेम में धर्म का
विघ्न होना शायद मेरे
जीवन की तपस्या का
अनुचित दंड मिलने जैसा 
था।।

कभी सोचा नहीं था जिस 
धर्म की मैने पूजा की
वो धर्म मेरे प्रेम विछोह 
का प्रमुख कारण बनेगा।।

आज जब भी कहीं सुनता
हूँ कि धर्म के पथ पर इंसान
अवनति से उन्नति की ओर 
अग्रसर होता है उस वक़्त मानो 
ह्दय विदारक स्थिति मेरी 
मनोदशा व्यक्त करती है।। #धर्म 
#प्रेम 
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jaigupta4833

Jai Gupta

New Creator