लहरों के संग बहती कभी, कभी हवा के संग चलती। आते जाते बदलते रहे मौसम, उसकी मुहब्बत ना बदली। आवाज़ लगाए तुझे पुकारे, बेटा मैं तेरी मां हूं, मां धरती। खेल कूद के जिसमें लोट पोट हुआ कभी, आज उसकी हालत तुने देखी है अभी। सीना चीर के जिसका तू अपना पेट पालता रहा, उसकी ऐसी दशा कर तू ताकता रहा । आवाज़ लगाए तुझे पुकारे, बेटा मैं तेरी मां हूं, मां धरती। सब कुछ देकर तुझसे मांगा नहीं उसने कभी, खुद के अस्तित्व को खोता देख रो रही है अभी। काट दिए पेड़ तुने जिस्म इसका छलनी के दिया, तुझे सहारा देने वाली वो तुने उस अपंग कर दिया। आवाज़ लगाए तुझे पुकारे, बेटा मैं तेरी मां हूं, मां धरती। मम्मता इसकी ऐसी जिसका कोई दूजा नहीं सानी, ना फायदा देखा कभी गिना कभी कितनी हुई हानि। आज फरयाद कर रही है तुझसे, यूं गंदा ना कर मुझे तेरे जन्म का रिश्ता है मुझसे। आवाज़ लगाए तुझे पुकारे, बेटा मैं तेरी मां हूं, मां धरती। ज़रूरत के हिसाब से तू इस्तेमाल करता रहा, मुझे ना कोई शिकवा है ना कोई गिला तुझसे। मुझे बचा ले खुद के वास्ते इतनी सी अर्जी तुझसे, इससे ज़्यादा ना आरज़ू है ना कुछ चाहिए तुझसे। आवाज़ लगाए तुझे पुकारे, बेटा मैं तेरी मां हूं, मां धरती। मां धरती #nojoto #earth#save