खूबसूरती है तहजीब में खुशबू है संस्कारों में वही शिक्षित चित्त जिसकी शब्दों की मर्यादा वही मुकम्मल शख्सियत है इस जहाँ में,,,, रूढ़ीवादी दकियानूसी विचार से आधुनिक विचार ही सही अर्धनग्न वस्त्र से परंपरा ही सही,,,, सुव्यवस्थित सुसंस्कृत सकारात्मकता सुलझा हुआ व्यक्तित्व वस्त्रों में छलकती है तहजीब खुद के होने की खुद की शख्सियत की,,,,,