वो बचपन के ज़माने की सी बात है, जब मोबाइल नही खत लिखे जाते थे, लोग गाड़ियों में नहीं, साईकल पर डबल सीट जाते थे, गर्मी , सर्दी सब आंगन में बीता करती थी, वो बड़े बरगद के पेड़ की छाया हुआ करती थी। स्कूल में मिल बाट शहतूत खाते, वो पुराने दिन थे जनाब जब सब दोस्त बन जाते थे। आंगन में बच्चे खेलते थे, पड़ोसियों के घर बॉल जाया करती थी, अब कौन उसे वापस लेने जाएगा उसकी लड़ाई हुआ करती थी| वो बचपन का ज़माना था!! वो दौर पुराना था, वो कुछ और ज़माना था। जब पड़ोस अपना था और महोल्ला ठिकाना था। न डर था, सब मानो अपना सा घर था, हर दूजा घर चाची का, कोई न बेगाना था। तेरे घर की शादी मानो मेरे घर में होती थी, तब मैसेज नही, घर घर जा बुलाना होता था। वो dj नाईट का नही, महिला संगीत का ज़माना था, जब चम्मच हाथ में लिए, ढोलक बजाना होता था। ये वो दिन थे जब किराने वाले को कार्ड नहीं, पापा का नाम बताना होता था, एटीएम का ज़माना नही, वो सिक्को का ज़माना होता था। वो दौर पुराना था, वो कुछ और ज़माना था। #bachpan #zamana #dost #oldtime #mobile #padosi #yqdidi #yqbaba