मेरे बस में नहीं वरना कुदरत का लिखा हुआ काटता तेरे हिस्से में आए बुरे दिन कोई दूसरा काटता l लहरों से ज्यादे बहाव था तेरे हर एक लफ़्ज़ में मैं इशारा नहीं काट सकता तेरी बात क्या काटता..! #love #akshat