रात हमसफ़र मेरी या यूँ कहुँ कि पक्की सहेलि मेरी, जागी हूँ उसीके गोध में रोइ भी उसीके दामन मे, तन्हाई मे मेरा साथ देती गम मे मुझे थाम लेती, आजमा कर सबको देखा यहाँ कोई तो नहीं उसकि जैसी। #रातकाअफ़साना #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #मेरीभावनाएँ #शुभरात्रि