तेरे प्यार का गुलाब आज वक्त के यूँ रहते सुख गया, पर देखो कुदरत का करिश्मा आज फिर महक गया, इसकी महक सभी आँगन व देहरी पर खुशियाँ बिखेर गया, था मैं अथाह पीड़ा में व बेरंग की जिंदगी में रंग भर गया, अब ये महक और भी व्याकुलता को निरन्तर बड़ा रही है, हृदयमन में अंतर्ध्वनि उठ रही है बारम्बार मानो तू आ रही है। Challenge -23... #collabwithप्रेमलेखन #प्रेमलेखन #तेरे_प्यार_का_गुलाब 👔- सभी लेखक अपनी रचना 52 शब्दों में लिखे ।। 👔- लाईनों की सीमा नहीं हैं ।। 👔- इस प्रतियोगिता का विजेता कल सुबह 9 बजे टेस्टीमोनियल के माध्यम से घोषित किया जायेगा ।। 👔- सभी लेखक ज्यादा से ज्यादा कोलब करें ।। 👔-धन्यवाद ।।