तेरे प्रेम मिलन का, हिसाब लाया हूँ तेरे ख़तों की, पूरी किताब लाया हूँ मेरी मोहब्बत को ना ठुकरा अहबाब, दर्द ,गम़,तन्हांई का ,ख़िताब लाया हूँ अर्जेन्द्र कविराज तेरे प्रेम मिलन का, हिसाब लाया हूँ