आधा तुम सूखा!! आधा मैं गीला।। चलते - चलते राह में हम दोनों, बरसात के पानी में तुम और हम, पकड़े हाथ जीवन भर साथ निभाने वाले, भगते गये तुम्हारे दरवाजे की चौखट की और, आधा तुम सूखा!! आधा मैं गीला।। तुम्हारे हाथो से सहलाना मेरे गीले बाल, तुम्हारे घर की चौखट में खड़ा तुम और मैं, संग तुम्हारे गुजारी वो उम्र के खास वो पल, आज भी पायलो की खंनखनाहट का इंतजार, आधा तुम सूखा!! आधा मैं गीला।। अभी भी तुम्हारे होंठो की मुस्कुराहट, बालों का हवा में यूं उड़ना तुम्हारे, सुबह हो या शाम शरारतों भरे काम, चार दिवारी में कैद पड़ी पानी की तरह, आधा तुम सूखा!! आधा मैं गीला।। आधा तुम सूखा!! आधा मैं गीला।। #poet #poetry #mausam #tum #main #lovepoet #ahasas #अहसास #तुम_और_मैं #terimerikahani