याद है मुझे आज भी बीते पल की ढेरों बाते ! कभी हँसाती,कभी रुलाती मेरे बचपन के मीठी सी यादें !! बच्चों की टोली हुआ करती थी मस्ती की एक लहर दौड़ा करती थी कभी पगडंडी किनारे, कभी नहरों की लहरों के किनारे, डंडे से मार कर आम तोडना.. बात बात पर वास्ता देना.... गाँव के हर कोने का पैदल जायजा लेना.. कितनी मिश्री सी मीठी होती थी वो राते जिनमे नानी और नाना की कहानी हुआ करती थी.. सुनते सुनते सो जाना और जिम्मेदारी से परे एक खूबसूरत सुबह का होना... सब कुछ कितना निर्मल, कितना सुन्दर था,, "बचपन था ही अनमोल " मेरे बचपन,मेरे साथी!! #Childhood❤