शाही मेरे कलम की कभी मिटे नहीं..... पढ़ने वालों को अपना बनाये ..... जींदगी का बोज सारा कागज पर उतार दुं... गलत को सहीं बनावुं..... लिखावट मे मेरी जादुगार बना दुं, इजाजत शब्द की देदुं... हर पन्हे पे मेरा कलम दिखे... यादे पुराने बेशक दिवाने अपने त्योहार के..... बहोत कुछ और पंक्तिया आंगण के पत्थर मेरे..... भुला ना पाये शब्द प्यार के..... पत्थर को हसा दे खुशीयों की छा जाये परत सी.... कलम के साथ बाते गहरी.... हवा मे झुम उठा झुलें पे बैठा .... शब्दों को इकट्ठा अपना नजराना..... बाते लिख दु मिस्री सी मिठास की..... चखकर उंगली और सारी....... पंक्तिया प्यार भरी..... Sweet words....... Like sugar....... #हिंदी #हिंदीदिवस #yqmembers #yqhindi