बोहोत घना अंधेरा है मेरे अंदर, किसी की मोहब्बत भी इसमें रोशनी नहीं कर सकती। मेरा दिल, मेरी रूह अफ़्सुर्दा है बेपनाह, इसमें जो आएगा वो इस अंधेरे में फंस जाएगा, बस जाएगा। इससे दूर रहने में ही भलाई है तुम्हारी, तुम नूर हो, ज़िंदा हो, यहां तन्हाई है, फौत है। ~hilal hathravi . ©~Hilal. Follow Me for best shayri of your life #Andhera #Tanhayi #Afsurdgi