मेरी राहें सजी रहतीं, है तेरा प्रेम रंगोली सा। सजा तन्हाई में मेला,हंसी यादों की डोली सा। बसंती सी हवा रहती, रहे फागुन महीना ही, रंगा खुद को यूं तेरे रंग,लगे जीवन ही होली सा। ©Rinki Kamal Raghuwanshi surbhi #रंगपंचमी #Thoughts