ज़िंदगी एक धुआं है, सास लेना अब बदतर हुआ है आधे लोग सो रहे, न जाने आधों का क्या हुआ है? बच्चे बिलक रहे है कहीं, भूखे पेट की बद्दुआ है रातों की रंगीनियां, अब गहरा काला कुआ है कोई सोने को मर रहे, कोई मरते है सोने को थोड़ी थी वो बूझ गई, बाकी बस अब दुआ है रंजिश रख के क्या लोगे जब रंजिश ही है देने को जज़बातो का अंबर भी हिम्मत से कामिल हुआ है चलता जा तु चंचलमन, कांटे आयेंगे पगभर में बागों का मीठा मधुरस भी कांटो से आमिल हुआ है #dharmuvach✍🏻 हर कोई पूछता है, हाय, क्या हो गया है! #पूछताहै #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi