छीनकर वो चैन मेरा मेरे बेचैनियों की वजह पूछते हैं कितने मासूम है न वो देकर ज़ख्म मुझे मरहम की पूछते हैं ©Simab Eak Ehsaas #simabeakehsaas #PoetryOfSimab #Bechani