आरुग छत्तीसगढ़िया अँव। सोन कस माटी म जनम लेहो मँय, गाँव के गँवइहा अँव। छत्तीसगढ़ दाई के लइका मँय आरुग छत्तीसगढ़िया अँव। इही माटी के बने मोर कुरिया। नान नान हमर घरबुंदिया। मँय परवा छानी चढ़इया अँव। मँय आरुग छत्तीसगढ़िया अँव। ननपन मा नइ देखेन कभू, नल ले निकलत पानी ला। नइ भुलावन कभू हमन पनिहारिन के मीठ बानी ला। मँय गीत ददरिया गवैया अँव मँय आरुग छत्तीसगढ़िया अँव। नई खायेंव कभू, मँय हा छुहारा, नई जानौं काला कहिथे फुहारा। गांव के तरिया मा डफोर के नह्वैया अँव। मँय आरुग छत्तीसगढ़िया अँव। देखेंव नइ कभू, शहर के नजारा। घूमें हौ बस ए पारा अउ ओ पारा। मँय बइलागाड़ी के चढ़ईया अँव। मँय आरुग छत्तीसगढ़िया अँव। ..✍अनिता सुभाष देशमुख© आरूग छत्तीसगढ़िया अँव