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एक शख्स मुझे अभी-अभी, छुआ-छुआ सा लगता है। उसकी बात

एक शख्स मुझे अभी-अभी,
छुआ-छुआ सा लगता है।
उसकी बातों का असर कुछ, 
हुआ-हुआ सा लगता है। 
याद आता है वो, हर सुबह..
हर शाम..हर दिन..हर रात..
उसकी यादों से दिल में अब,  
धुँआ-धुँआ सा लगता है ।।
          गोविन्द पन्द्राम #एक_शख्स
एक शख्स मुझे अभी-अभी,
छुआ-छुआ सा लगता है।
उसकी बातों का असर कुछ, 
हुआ-हुआ सा लगता है। 
याद आता है वो, हर सुबह..
हर शाम..हर दिन..हर रात..
उसकी यादों से दिल में अब,  
धुँआ-धुँआ सा लगता है ।।
          गोविन्द पन्द्राम #एक_शख्स