निगाहें वो निगाहें तुम्हारी, मेरे ज़हन में अब भी है, मुझसे, बातें जो ढेरों किया करती थी ।। तुम शिक़ायते करती, मैं बातें कम करता हूँ, क्या बताता, मैं तो उन्ही में डूबा रहता था ।। झील सी निगाहों का, मैं क़ायल हुआ था, जो पहली दफ़ा, इनका दीदार हुआ था ।। क़ातिल निगाहों का मैं क्या कहूं, असर अब भी है, तुम खामोश रहती थी, ये बवाल बेहिसाब करती थी ।। ©Bhushan Rao...✍️ #WForWriters #NojotoTopic Sanju Singh Rahil Aditi Adhury Hayat sarika sudha tripathi Alveera Zindagi___