तु लगती है बारीश के जेसी मुझे क्यु की बारीश मोहब्बत है धरती और अम्बर की । तु लगती है बारीश के जेसी मुझे क्युकी बारीश अलंकृत कर देती है धरती को अम्बर के लिये । और तुम मुझे अलंकृत कर देती हो खद के लिये जेसे खुदा ने भी अलंकृत किया है तुझे । तु लगती है बारीश के जेसी मुझे क्युकी बारीश झरीया है अम्बर को धरतीसे मीलनेका । और तुम हो झरीया मेरा खुद से खुदा क़ो मिलने का तु लगती है बारीश के जेसी मुझे ।