मुश्किल होता है ना असामान्य अवस्था में सामान्य रहना पर ये पहली बार तो नहीं.... भिन्नता बस इतनी है कि इस बार नाउम्मीदी सिर्फ तुम तक नहीं . आखिर तुम सच से कब तक दुर भाग सकते हों, आधा खाली मटके को आधा भरा समझने वाला दौर मुझे कभी समझ नहीं आया समझ आया तो बस इतना कि "जो जैसा है उसे वैसा ही समझना कितना जरूरी है" इसके अंत का भविष्य हम ज्ञात नहीं कर सकते, मतलब जो हमारे हाथ में नहीं उसे हम बदल नहीं सकते. . जैसे शादी, पहली सैलरी, क्लास में अव्वल आने वाली ख़ुशी जिंदगी भर हमारे साथ नहीं रह सकतीं, वैसे ही ये परिस्थिति भी ज्यादा समय तक नहीं रहेगी. हां माना! कि समय बड़ा बलवान है, पर गुजरना इसकि मजबूरी और ये मजबूरी हमारी सहूलियत संयम रखो! ये समय भी गुज़र जाएगा.... और जैसा सब कहते हैं "हमारा इंडिया फिर से मुस्कुराएगा". ©NISHU MISHRA परिस्थिति बुरी हि सही, पर हमारी जिंदगी के इतिहास में अपना हिस्सा जोड़ने कि ताक़त रखतीं हैं... हथियार उठाना जरूरी है पर संयमता मतलब हार जाना नहीं ....🖤🤍