*📝“सुविचार"*📝 🖊️*“7/2/2021”*🖋️ 📘✨ *“रविवार”*✨📙 “प्रेम” “प्रेम” वो जो आपके भीतर किसी ओर के प्रति “करूणा” जगाता है, “सम्मान” को जगाता है अब यदि “प्रेम” चला गया तो सर्वप्रथम “नाश” होगा “सम्मान” और “करूणा” का, अब जहां पे न “प्रेम” है, न “सम्मान”, न “करूणा” है वहां “धर्म” कहां से वास करेगा, “भौतिक इच्छाएँ” जागने लगती है,“क्रोध” जागने लगता है, “अहंकार” जागने लगता है और फिर आरंभ होता है “अधर्म का कर्म”, इसलिए जो भी “भावनाएँ” आपके भीतर “प्रवेश” कर रही है उन्हें करने दिजिए किन्तु चाहें कुछ भी हो जाए, इस “प्रेम” को कही मत जाने दिजिए, इस प्रेम से शायद आप शुभ कर्म कर सकेंगे, इस “प्रेम” को सदैव अपने पास रखिए अपने दिल में, ✨ *अतुल शर्मा🖋️📝📙* *📝“सुविचार"*📝 🖊️*“7/2/2021”*🖋️ 📘✨ *“रविवार”*✨📙 #“प्रेम” #“सम्मान”