बहुत हो गया अब मुझसे इंतजार तुम्हारा अब सहा नहीं जाता मुझसे विरह तुम्हारा आज न आये तो तुम हो न हो कहीं आज अंतिम रात हो हमारी फिर कभी न हो मिलन इस जीवन में हमारा तुम्हारा सहभागिता सबके लिए खुली है ✍🏻 आपके अल्फ़ाज़ शब्दों की मर्यादा का ध्यान अवश्य रखे ✍🏻 सभी प्रतिभागी अपनी अभिव्यक्ति के लिए पूर्ण स्वतंत्र हैं 💗 पंक्तियों की बाध्यता नहीं है. 1. फॉन्ट छोटा रखें और बॉक्स में लिखें